भारी बारिश का सामना करते हुए चंडीगढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता रोध में कांग्रेस भवन सेक्टर 35 में बड़ी संख्या में एकत्र हुए
भारी बारिश का सामना करते हुए चंडीगढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता रोध में कांग्रेस भवन सेक्टर 35 में बड़ी
भारी बारिश का सामना करते हुए चंडीगढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता आज मोदी सरकार द्वारा की जा रही बदले एवं नफरत की राजनीति के विरोध में कांग्रेस भवन सेक्टर 35 में बड़ी संख्या में एकत्र हुए. अपनी नेता सोनिया गांधी को अकारण तलब करने के विरोध में सेक्टर 18 में स्थित प्रवर्तन निदेशालय की ओर अपना मार्च शुरू करने के दौरान सेक्टर 34-35 के आसपास भारी पुलिस बल द्वारा बैरिकेडिंग लगा कर उन्हें रोक दिया गया. पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले कर प्रतीक्षारत बसों द्बारा सेक्टर 39 पुलिस में ले जाया गया. हिरासत में लिए गए नेताओं में चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की, अध्यक्ष चण्डीगढ़ काग्रेंस, दीपा दुबे, अध्यक्ष महिला काग्रेंस, ओपी वर्मा अध्यक्ष सेवा दल और मनोज लुबाना, अध्यक्ष युवा काग्रेंस के अलावा पार्टी के निर्वाचित पार्षद और सौ से अधिक नेता शामिल थे. चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज लुबाना और कुछ युवा कार्यकर्ता बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश में घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए ले जाना पड़ा.
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोनिया गांधी को तलब करने की निन्दा करते हुए पार्टी की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इस तरह से की जा रही बदले की बेशरम राजनीति से देश का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है और कानून के शासन की धज्जियाँ उड़ रही हैं. सरकार का यह कृत्य सुरक्षा एजेंसियों के दुरूपयोग और प्रतिशोध की राजनीति में सरकार की लिप्तता का एक निन्दनीय उदाहरण है, जो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए कोई शुभ संकेत नहीँ है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को चलाने की अपनी गलत नीतियों के कारण सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है. देश की वित्तीय स्थिति खराब है, रुपये का मूल्य एक नए निचले स्तर पर गिर गया है, विदेशी मुद्रा भंडार सूख रहा है और जनता मंदी और बेरोजगारी की दोहरी मार झेल रही है. इसलिए, अपनी चौतरफा विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए यह सरकार कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष के प्रभावशाली नेताओं को तंग और परेशान करने जैसे सस्ते हथकंडे अपना रही है.
यह विडंबना ही है कि पहले राहुल गांधी और अब सोनिया गांधी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक ऐसे तथाकथित मामले में फंसाया और प्रताड़ित किया जा रहा है, जिस में कोई पैसा का लेन देन नहीं हुआ है और न ही किसी संपत्ति का हस्तांतरण हुआ है. यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा देश के संसाधनों का इस्तेमाल कर सैकड़ों घंटे बेगुनाह लोगों से पूछताछ की गई है.
लक्की ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय मोदी सरकार में शामिल ताकतवर लोगों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले मीडिया में आते ही चुप्पी साध लेती है और भाजपा के संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए विपक्ष के नेताओं को अकारण परेशान करती है. उन्होंने आगे कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के गैर-पेशेवर रवैये का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एजेंसी अदालतों में उसके द्वारा चलाए जा रहे मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने की एक प्रतिशत दर भी हासिल नहीं कर पाई है.